खबर लहरिया ताजा खबरें महिला पत्रकारों की कलम से – कुपोषण का शिकार पोषण पुर्नावास केंद्र

महिला पत्रकारों की कलम से – कुपोषण का शिकार पोषण पुर्नावास केंद्र

अब हर हफ्ते खबर लहरिया में पढ़ें महिला पत्रकारों की कुछ खास खबरें। राजनीति, विकास, संस्कृति, खेल आदि की ये खबरें देश के कोने-कोने से, छोटे-बड़े शहरों और अलग-अलग गांवों से हैं।
इस हफ्ते, बिहार के माओवादी इलाके शिवहर से पढ़ें खबर लहरिया रिपोर्टर की ये खबर।

Sitamarhi - NRC for webजिला शिवहर, बिहार। यहां के पोषण पुर्नावास केंद्र (एन.आर.सी.) में कुपोषित बच्चों को तय नियम से बेहद कम खाना मिल रहा है। यह हाल तब है जबकि सत्रह बच्चों की क्षमता वाले इस केंद्र में केवल पांच बच्चे भर्ती हैं।
पोषण पुर्नावास केंद्र में आए अतिकुपोषित बच्चे साजिद की दादी संजोगिया देवी, दुर्गा कुमारी की मां सीमा देवी ने बताया कि हम 9 जनवरी 2015 से यहां हैं। हमने सुना था कि बच्चों को पौष्टिक खाना समय से दिया जाता है, लेकिन यहां समय से तो कुछ भी नहीं मिलता।
यहां आने वाली कई औरतों का कहना है कि जो मिलता है वह भी सेहतमंद कहने लायक नहीं है। न समय से दूध मिलता है न फल। आप ही बताइए ऐसे में बच्चों को ताकत कैसे मिलेगी? बच्चों के लिए पोषक आहार खरीदने का जो पैसा सरकार भेजती है उससे यहां के कर्मचारियों की जेबंे भरती हैं।
पोषण पुर्नावास केंद्र के समन्वयक सुनील कुमार ए.एन.एम. निवेदिता कुमारी, संजू कुमारी से जब इस सबके बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, यह लोग सरासर झूठ बोल रहे हैं।
यहां हर रोज मीनू के हिसाब खाना मिलता है। पांच ही बच्चें हैं, इसके बावजूद हम चार लीटर दूध लेते हैं। अंडा भी दिया जाता, ठंड के कारण हम केले की जगह दूसरा फल देते हैं। ठंड की वजह से लोग कम हैं। पहले सरकारी नियम था कि यहां रहने वाले गार्जियन को रोजाना सौ रुपए मिलते थे। लेकिन अब पचास रुपए मिलते हैं। यही कारण है कि अब लोग यहां कम आना चाहते हैं।
खबर लहरिया पत्रकार ने जब इन सब बातों की वहां जाकर पूछताछ की तो उस दिन एन.आर.सी. की रसोई में कुछेक अंडे एक टमाटर, आधा चुकंदर ही फ्रिज में था। इसके बारे में समन्यवयक सुनील कुमार का कहना था कि सब्जी और फल शाम को आएंगे।