खबर लहरिया बुंदेलखंड बुढ़ापे में न परिवार का सहारा न सरकार का सहारा

बुढ़ापे में न परिवार का सहारा न सरकार का सहारा

जिला ललितपुर, गांव खित्वंस गरीब आदमी परेशानी से गुजर रहे लेकिन उनकी परेशानी में कोऊ उनको कोऊ नई संग दे रए न घर बाले न सरकार न उने बृधा पेंसन मिलत न बिधबा।
महोबा के रेबे बाले राम किशन बढई ने बताई के हमे 20 साल से विकलांग पेंसन मिल रई ती फिर तीन साल से काट दई जब हमने एस डी एम से शिकात करी तब ऊपर से जाँच आई फिर जब जाँच हो के हमे पेंसन मिलबो शुरू करो।
इते की रेबे बाली महोबा की भगबती फूलन बाई इन्द्राणी सुखरानी ने बताई के हमे न तो बृधा पेंसन मिलत न विधवा कोऊ के 1000 कोऊ के 1200सो कोऊ के 100 कोऊ के 400 रुपया खर्च हो गये लेकिन कोऊ की पेंसन नई बधी जी से कओ सो सब हा हा के देत लेकिन कोऊ नई बन बात सरपंच से कओ सो के देत के तीन मईना बाद बनबा दे-है अबे चुनाब के मारे नई हो पा रई और कोऊ कोऊ से के देत के बोट देहो तो हम दूसरे दिना तुमाई पेशन विधवा देहे लेकिन कोऊ कछु नई करत।
इते के रेबे बाले भैया लाल ने बताई के ई गांव में कोई की समस्या हल नई होत गरीब आदमी जात कछु के लाने सरपंच नो सो हओ हओ के के भगा देत और जो रुपजा दे देत उनको काम हो जात उनकी पेंशन बनबा देत और सबके दो दो तीन तीन दार फार्म भर गये लेकिन कोऊ की नई आई।
नसीर अहमद खान प्रधान ग्राम पंचयात साडूमल ने बताई के हमने अबे तक शासन द्वारा जो 72 आदमियन को पेंसन बधी है बा को सब लाभ ले रए और हमाई जई कोशिश है के सब कों समाजवादी पेंसन और विधवा पेंशन कओ लाभ होबे हम पूरी कोशिश कर रए।
18/07/2016 को प्रकाशित

बुढ़ापे में न परिवार का सहारा न सरकार का सहारा