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बाय बाय अंबेसडर

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परिवार का हिस्सा और परिवारी की सवारी जैसी अंबेसडर

लंबे समय तक लोगों के दिलों में राज करने वाली अंबेसडर कार का उत्पादन बंद कर दिया गया है। काफी समय तक यह सरकारी कार के रूप में भी लोकप्रिय रही। विधायक, सांसद और मंत्रियों की पहली पसंद रही। मुंबई, दिल्ली, कलकत्ता जैसे महानगरों में टैक्सी के रूप में इसका चलन अभी तक है।
गाड़ी की खरीदादारी में आई कमी के कारण कंपनी लगातार आर्थिक मंदी से जूझ रही थी। इसी वजह से उत्पादन को बंद करने का फैसला लिया गया।
किस्सा कार का…
-आजादी के बाद 1948 में पहली बार इस कार का उत्पादन शुरू हुआ।
-हिंदुस्तान लिमिटेड कंपनी ने कार बनाने का प्लांट गुजरात के ओखा ज़िले में लगाया था।
-पहली कार होने के कारण लोगों ने इसे खूब पसंद किया। लेकिन बाद में आए कई कार से दौड़ में यह पीछे रह गई।