खबर लहरिया बाँदा बाँदा शहर में बैलगाड़ी और पोलीथिन में है इन परिवारों का आशियाना

बाँदा शहर में बैलगाड़ी और पोलीथिन में है इन परिवारों का आशियाना

जिला बांदा, कस्बा बांदा, मुहल्ला कालूकुंआ राजस्थान से आये घुमन्तु जाति के 40 परिवार हेंया पन्नी के घर अउर बैलगाड़ी मा रहै का मजबूर हैं। आधार कार्ड,पहिचान पत्र जइसे सरकारी कागज होय के बादौ इं मड़इन का कउनौ सरकारी सुविधा अउर पक्के घर रहै खातिर नहीं मिले आहीं
यहिके खातिर उंई 16 फरवरी अउर 18 मार्च का डी.एम के लगे दरखास दे खातिर गें रहै पै डी.एम नहीं मिले आहीं।
सरोज,रामबाई अउर गुड़िया का कहब है कि स्कूल मा बच्चन के जाति प्रमाण पत्र मांगत है। पै घर दुवार न होय के कारन लेखपाल जाति प्रमाण पत्र नहीं बनावत आहीं। मड़ई कहत रहै मोदी जीत जइ तौ सब सुविधा देइ,रहै खातिर घर,बच्चन के पढ़ावै खातिर रुपिया,पै हमें कउनौ सुविधा नहीं मिलत आय हमार बस्ती मा आज तक कउनौ जांच करै नहीं आवा आय। कउयौ दरकी दरखास दीने हन पै पता नहीं हमार कउनौ सुनवाई नहीं होत, दरखास फाड़ के फेंक दीन जात हैं। हम पढ़े लिखे नहीं आहीं।मड़ई जउन कहत हैं, हम वहै करित हन। पै हमार कुछौ सुनवाई नहीं होत आय।
सुनील अउर कमलेश का कहब है कि हमार 25 परिवार है पै हमें रहै नहीं देत है। बड़ी-बड़ी बहिनी बिटिया है उनका लइ के कहाँ जइ।
पूर बुन्देलखण्ड मा घुमन्तु जाति के लगभग 5 लाख से ज्यादा मड़ई हैं। पै का इं घुमन्तु जाति के मड़इन का कत्तौ स्थायी जघा रहै खातिर मिल पई। का सरकार इनके खातिर भी कुछौ सरकारी सुविधा देइ।
डी.एम डा .सरोज कुमार का कहब है कि प्रधानमंत्री आवास के तहत जउन योजना चलत है सर्वे मा इं मड़इन का नाम होइ तौ कलोनी के सुविधा दीन जई।जउन मड़इन के सर्वे मा नाम न होई तौ उनकर नाम चढ़ावा जई।

रिपोर्टर- मीरा देवी

24/03/2017 को प्रकाशित