खबर लहरिया फैजाबाद बर्बाद हुए खेत, सदमें में किसान

बर्बाद हुए खेत, सदमें में किसान

बेमौसम बरसात के कारण बर्बाद हो चुकी फसल देखकर जगह जगह किसानों की मौत हो रही है। कुछ आत्महत्या कर रहे हैं तो कुछ सदमे से मर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सदमा बर्बाद फसलों के कारण हो रहा है तो प्रशासन ऐसी मौतों को स्वाभाविक मौत ठहरा रहा है।

04-09-14 Kshetriya Faizabad - Fasal 2जिला फैजाबाद, ब्लाक तारुन। यहां के हैदरगंज क्षेत्र के धमहर गांव निवासी सत्तर वर्षीय रामफेर की 21 अप्रैल को सीने में दर्द होने से मौत हो गई। पत्नी चन्द्रावती ने बताया कि रात में गेहूं की मड़ाई कराकर घर आकर चारपाई पर लेट गए और फिर उठे ही नहीं। गांव वाले महेन्द्र मिश्र और अशोक का कहना है कि फसल बर्बादी के चलते हार्डअटैक हुआ है।
सूचना पर पहुंचे बीकापुर मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह चैहान ने बताया कि मौके पर पहुंच कर जांच किया गया है। तहसीलदार अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि मृतक के पास तेरह बीघे ज़्ामीन है। खेतों में गेहूं की बुआई हुई लेकिन कटाई नहीं हुई है। न ही फसल बर्बाद हुई है। मृतक का बड़ा पुत्र एस.एन.जी. के कम्पनी में सरकारी कर्मचारी है। छोटा बेटा ड्राइवर है। रामफेर की दिल का दौड़ा पड़ने से मौत हुई। वहीं 20 अप्रैल को ग्राम पंचायत गरौली के मजरे सेंठवा की रहने वाली चालीस साल की जगपता नाम की औरत की मौत हो गई। फसल देख उनकी हालत वहीं खराब हो गई। घर लौट के आई दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। प्रशासन ने गुर्दे की बीमारी से मौत होना बताया।
20 अप्रैल को ग्राम पछियाना के मजरे मिश्र का पुरवा निवासिनी पचपन साल की जगपता ने चार बीघा गेहूं बोया था। मरने वाली औरत जगपता के पुत्र भोलानाथ और कृपानाथ ने बताया कि मां ने पिछले दिनों गेहूं की मड़ाई कराई थी। जिसमें दो बीघे नीलगाय खा गए, दो बीघे मौसम से बर्बाद हो गई। 19 अप्रैल को बिना किसी से बोले सोने चली गई। करीब एक बजे तबियत बिगड़ गई। जब तक एम्बूलेन्स बुलाते तब तक देर हो चुकी थी।
नायाब तहसीलदार अवधेश चैहान ने कहा कि अभी हमें इस बारे में पता नहीं है कि सदमें से मरने वाले किसानों की मौत पर सरकार क्या मुआवज़्ाा देगी या नहीं? अगर देगी तो उसका मानक क्या होगा? बर्बाद फसलों की नाप करके प्रशासन को भेजा जा रहा है। मुआवज़्ाा आएगा तो दिया जाएगा।

किसान ने की आत्महत्या
जिला अम्बेडकर नगर, ब्लाक अकबरपुर, डिहवा सस्पना। 18 अपै्रल 2015 को गांव के तीस वर्षीय भगवानदीन निषाद ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिता भोलानाथ निशाद ने बताया कि अलग रहकर खेती करता था। गेहूं कम निकरने की चिन्ता में रहता था। रात में खेत के पास लगे पेड़ में जाकर फांसी लगा लिया। सबह गांव के लोग शौच के लिए गए तो बाग में पेड़ से लटकती लाश देखी। इनके दो लड़के एक लड़की है। मौंके पर पुलिस पहुंचकर पोस्टमार्टम करवाया।
एस.ओ. योगेश ने बताया कि गरीब परिवार होने के कारण बहुत तंगी थी। इसी कारण आत्महत्या कर लिया। एस.डी.एम. राममूर्ति मिश्र ने बताया कि सर्वे चल रहा है। जिसका जितना नुकसान हुआ है उसको उस हिसाब से मुआवज़्ाा दिया जाएगा।