खबर लहरिया राजनीति फिल्म सेंसर बोर्ड में राजनीतिक दखल

फिल्म सेंसर बोर्ड में राजनीतिक दखल

लीला सैमसन

लीला सैमसन

नई दिल्ली। फिल्म सेंसर बोर्ड यानी फिल्मों को प्रकाशित करने का सर्टिफिकेट देने वाली संस्था के नए अध्यक्ष 21 जनवरी को पहलाज निहलानी बने।
यह वही निहलानी हैं जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा से भरा हर हर मोदी, घर घर मोदी गाने वाला वीडियो भारतीय जनता पार्टी ा के लिए तैयार किया था। निहलानी केंद्र में सरकार बनाने वाली पार्टी भाजपा के बेहद करीबी हैं। निहलानी ने हाल ही में एक टी.वी. इंटरव्यू में मोदी को एक्शन हीरो कहते हुए देश की आवाज़ भी कहा था। बोर्ड से इस्तीफा देने वाले सदस्यों का कहना है कि भाजपा समर्थकों को बोर्ड में लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तीन और नए चुने गए बोर्ड सदस्य या तो भाजपाई हैं या फिर स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं। 15 जनवरी को बोर्ड अध्यक्ष लीला सैमसन ने बोर्ड में राजनेताओं की दखलअंदाज़ी, दबाव का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आधा दर्जन सदस्यों ने उनके समर्थन में इस्तीफा दिया।
डेरा सच्चा सौदा के गुरु राम रहीम फिल्म ‘मेसेंजर आफ गॉड’ को लेकर शुरू हुआ। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रकाशित होने का सर्टिफिकेट नहीं दिया था। बोर्ड का कहना था कि इस फिल्म में राम रहीम ने खुद को भगवान का दर्जा दिया है। राम रहीम के समर्थकों ने इसके खिलाफ फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायालय में याचिका डाली। जहां से फिल्म को हरी झंडी दे दी गई।