खबर लहरिया राजनीति फिल्म संस्थान में राजनीति के खिलाफ छात्र

फिल्म संस्थान में राजनीति के खिलाफ छात्र

(फोटो साभारः विकीपीडिया)

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पुणे, महाराष्ट्र। पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया के छात्र 12 जून से हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल इस संस्थान के चुने गए नए अध्यक्ष गजेन्द्र चैहान के विरोध में है। फिल्म और टेलीविजन संसथान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आता है। यहां पर फिल्म और टेलीविजन में काम करने के इच्छुक लड़के लड़कियां एक्टिंग सीखते हैं। नसिरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, शबाना आजमी, ओमपुरी जैसे बड़े बड़े सैकड़ो कलाकार यहीं की देन हैं। छात्र संगठन का मानना है कि गजेन्द्र का चुनाव राजनीतिक है। वह इस पद के लायक नहीं है। यह पद पहले मृणाल सेन, श्याम बेनेगल, अडूर गोपालकृष्णन, सईद अख्तर मिजऱ्ा और गिरीश कर्नाड जैसे बड़े बड़े कलाकारों के पास था।

छात्रों की मांग है कि गजेंद्र चैहान को हटाकर दूसरा अध्यक्ष चुना जाए। साथ ही अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में भी बदलाव लाया जाए। एक सरकारी परिषद बनाई जाए। इस परिषद के इक्यावन प्रतिशत सदस्य संस्थान के ही पूर्व छात्र-छात्राएं हों। इस पूरे मामले में फिल्म इंडस्ट्री बंटी हुई है। लेकिन जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय के छात्रों ने साफ कहा है कि हम इस छात्र आंदोलन का समर्थन करते हैं। गजेंद्र चैहान जैसे लोगों को इस तरह के पद में बैठाने का मतलब विचारधारा को प्रभावित करना है। गजेंद्र चैहान भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान इन्होंने खासतौर पर नरेंद्र मोदी के लिए जमकर प्रचार किया था। हिंदूवादी विचारधारा को केंद्र में लाकर अन्य विचारधाराओं को हाशिए में धकेलने के लिए यह किया जा रहा है।