खबर लहरिया बाँदा प्रशासन की व्यवस्था नहीं रोक पा रही किसानों की मौत

प्रशासन की व्यवस्था नहीं रोक पा रही किसानों की मौत

बरसात और ओले की मार और बैंक के कर्ज के दबाव के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बांदा में इस हफ्ते दस किसानों की मौतें हुई हैं।

जिला बांदा, ब्लाक महुआ का गांव अनथुआ। यहां के साठ वर्षीय किसान रामऔतार कुशवाहा की मौत 20 मार्च की शाम हो गई।
लड़की रजनी और औरत सतवंती ने बताया कि दो साल पहले इलाहाबाद बैंक शाखा महोतरा से एक लाख बीस हज़ार का क्रेडिट कार्ड के तहत कर्ज लिया था। पांच बीघे खुद की ज़मीन है और छह बीघे बलकट में लिया था। पिछले साल भी खेती में कुछ खास अनाज नहीं पैदा हुआ था। अब इस साल तो बिल्कुल उम्मीद खतम हो थी। खेत से शाम को आए तो फसल बर्बादी की बातें बार बार दोहरा रहे थे। अचानक दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
बिसण्डा ब्लाक के गांव सिकलोढी। यहां के चालिस वर्षीय रामनरेश द्विवेदी ने 22 मार्च की शाम खुद को गाली मार ली और उनकी मौत हो गई। रामनरेश की औरत रेखा और चाचा अवधेश ने बताया कि इलाहाबाद यू.पी. ग्रामीण बैंक शाखा पुनाहुर से अट्ठासी हज़ार रुपए का क्रेडिट कार्ड के तहत कर्ज़ लिया था।
जसपुरा ब्लाक। यहां के नादादेव गांव के पैतिस वर्षीय सिद्धपाल ने 22 मार्च की सुबह आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। वह अस्पताल में भर्ती है। भाई रामप्रसाद का कहना है कि उसने चालीस बीघे बलकट की खेती में अनाज बोया था।
मौसम की मार से सब फसल बर्बाद हो गई। उसने 22 मार्च को मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या की कोशिश है। मैं बचाने गया तो मेरे हाथ भी जल गए हैं। दलजीत सिंह विधायक ने दस हज़ार रुपए दिए हैं। उसी से इलाज हो रहा है।
25-03-15 Kshetriya Banda - bhantee kisan chacha webब्लाक कमासिन, गांव भांटी। यहां किसान नरेन्द्र सिंह ने 19 मार्च को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नरेन्द्र सिंह के चाचा ने बताया कि 2010 में क्रेडिट कार्ड के तहत संतानबे हज़ार रुपए कर्ज़ लिए थे। लेकिन इस कर्ज़ को अदा नहीं कर पाए।

इलाहाबाद यू.पी. ग्रामीण शाखा बबेरू के बैंक मैंनेजर शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि सरकार के आदेश के हिसाब से काम करते हैं। अगर सरकार कहती है कि इन किसानों क कर्ज माफ हो तो माफ हो सकता है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रान्तीय अध्यक्ष साहब लाल शुक्ला का कहना है कि किसान फसलों की बर्बादी देखकर आत्महत्या कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ओर हाई कोर्ट का आदेश है कि एक लाख से कम कर्ज लिए किसानों पर बैंक मैनेजर ने दबाव डाला। बैंक मैनेजर के ऊपर कारवाही होनी चाहिए। डी.एम. से हमारी मांग हे कि वह कार्रवाई करें।
ए.डी.एम. डी.सी. पांडेय का कहना है कि अभी गावों में फसल बर्बादी के ऊपर सर्वे चल रहा है। किसानों की मौत पर भी जांच चल रही है।