खबर लहरिया औरतें काम पर पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारुकी बलात्कार के मामले में दोषी, मिली 10 साल की सजा

पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारुकी बलात्कार के मामले में दोषी, मिली 10 साल की सजा

Mahmood_faruki (1)फ़िल्म पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार का दोषी बताया है। महमूद फारूकी पर साल 2015 में अमेरिका से भारत शोध करने आई एक महिला के साथ बलात्कार का आरोप लगा था।  कानून कहता है कि फारुकी को इस अपराध के लिए कम-से-कम सात साल की सजा या अधिकतम उम्रकैद दी जानी चाहिये।

महमूद फारूकी पर न्यूयॉर्क शहर के कोलंबिया विश्वविद्यालय से शोध कर रही एक 35 साल की अमेरिकी महिला से बलात्कार का आरोप लगा था। महिला ने दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कालोनी पुलिस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मामले में मुकदमा पिछले साल सितंबर में तब शुरू हुआ जब शिकायतकर्ता ने महिला कोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज कराया और फारूकी पर 28 मार्च को उनके दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित आवास पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था। महिला ने कहा कि उसने फारूकी को ईमेल लिखकर कहा कि उसके साथ गलत हुआ है और फारूकी दूसरी औरतों के साथ यही बर्ताव नहीं कर सकता है। जवाब में एक छोटी सा ईमेल भेजकर फारुकी ने महिला से माफी भी मांगी।

इसी बीच, रमा लक्ष्मी नाम की एक पत्रकार ने फेसबुक पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी राय रखी है। रमा आरोप लगाने वाली महिला, और फारुकी दोनों की ही दोस्त हैं।

रमा ने लिखा है, घटना के दो दिन बाद मेरी दोस्त मेरे पास आई और दो घंटे में पूरी वारदात बताई। वह गुस्से में थी और रो रही थी। उसने बताया कि अपने शोध के सिलसिले में वह गोरखपुर में महमूद फारूकी से मिली थी। घटना के बाद वह अमेरिका वापस चली गई।

रमा लिखती हैं, ‘उस महिला को बलात्कार के दौरान यह डर भी सता रहा था कि जैसा दिल्ली में निर्भया के साथ हुआ कहीं उसी तरह की हिंसा उसके साथ भी न हो जाए! घटना के बाद वह सोच रही थी कि जब आरोपी जाना–पहचाना व्यक्ति हो तो उसके खिलाफ शिकायत करना आसान नहीं होता। महमूद फारूकी के दोस्तों ने कहा ये बलात्कार नहीं हो सकता। कई लोगों ने महिला को समझौता करने की सलाह भी दी।

रमा का कहना है कि उसकी दोस्त के पास चुप रहने का विकल्प नहीं था। चुप रहकर वो अपने शरीर पर अपना हक़ नहीं खोना चाहती थी।

रमा की राय पढ़ने के बाद कई लोगों ने सहमती जताई है। जाहिर है कि इस पूरे घटनाक्रम में महिला को ही दोषी ठहराया गया है। लेकिन अब इन सवाल यह है कि क्या हर बार एक चर्चित व्यक्ति, एक सामान्य जीवन जीती महिला को अपना शिकार ऐसे ही बनाता रहेगा? और हर बार फिर उस महिला से ही सवाल किए जाते रहेंगे?