खबर लहरिया औरतें काम पर पारिवारिक लाभ से बंचित छी

पारिवारिक लाभ से बंचित छी

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अकली देवी अउर उनकर बेटी

जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड रीगा, पंचायत रीगा द्वितिय, गांव योगवाना, वार्ड नम्बर ग्यारह। उहां के अकली देवी के पति भरत पासवान के मरला तीन साल हो गेलई। मगर उनका परिवारीक लाभ न मिललई।
अकली देवी कहलथिन कि हमर पति के मरला के बाद केतना बेर वार्ड सदस्य दसई पासवान कागज लिखके ले गेलथिन। मगर परिवारीक लाभ कहां मिललई? बच्चा सब छोटे हई, लाभ के रूपईया मिल जइतियई त कुछो सुविधा होइतियई। बीपी.एल. में हमर नाम हई। विधवा पेंसन हमरा मिलई छई। लेकिन परिवारीक लाभ न मिललई।
मुखिया नीलम कुमारी नीलमणी के पति सुरेष बैठा कहलथिन कि उनकर सूचना हमरा पास न आयल हई। अगर उ हमरा पास अइथिन त उनकर कागज तैयार करके काम करा देबई।
प्रखण्ड सांख्यिकी पदाधिकारी शंभू शंकर कुमार कहलथिन कि पति के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाबे के होतई। ओकरा आवेदन में लगाके लोक सेवाओं के अधिकार कानून के कार्यालय में जमा करथिन। तब उनका नाम से परिवारीक लाभ के रूपईया मिलतई।