खबर लहरिया खेल नाम वाले’ क्यों नहीं होते ‘बदनाम’ ?

नाम वाले’ क्यों नहीं होते ‘बदनाम’ ?

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भारत की हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह के ख़िलाफ़ दिल्ली महिला आयोग ने बलात्कार और घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज कराने की शिफारिश की है. सरदार सिंह पर उनकी साथी का बलात्कार और घरेलू हिंसा करने का आरोप है. उनकी साथी ने इस सम्बंध में 31 जनवरी 2016 को पंजाब पुलिस में शिकायत दर्ज करायी लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी थी. 5 महीने बाद, 15 जून को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मलिवाल जब उस महिला के साथ दिल्ली पुलिस के पास गयीं, तब पुलिस ने लिखित में शिकायत दर्ज की.

सरदार सिंह की अपनी साथी से मुलाकात 2012 के लन्दन ओलंपिक्स में हुई थी, जिसके बाद दोनों 4 साल तक रिश्ते में रहे. महिला के अनुसार, सिंह ने उन्हें 2014 के हेग विश्व कप के दौरान शादी करने का प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद दोनों सिंह के गाँव गए, जहाँ सिंह के परिवार ने औपचारिक रूप से सगाई की. सगाई के बाद सिंह के फ़ोन पर दूसरी महिलाओं के फ़ोन और संदेश देख कर जब उनकी मंगेतर सवाल करतीं तो सिंह उन्हें मारते थे.

महिला का यह भी आरोप है कि सिंह ने 2015 में उनकी इच्छा के खिलाफ अपने बच्चे का गर्भपात कराने के लिए उन्हें मजबूर किया और बाद में उनसे शादी करने से इनकार कर दिया. महिला का यह भी कहना है कि पुलिस सिंह की मदद करने के उद्देश्य से जानबूझ कर कार्यवाही में देर कर रही है. सिंह हरियाणा पुलिस के जाने-माने उपाध्यक्ष हैं. सिंह ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है और कहा कि ‘मैं उसे जानता हूँ, लेकिन यह कहना है कि मैंने उसके साथ मारपीट की है, यह गलत बात है.’

सिंह के साथियों को इस हिंसापूर्ण रिश्ते के बारे में पता था. बेल्जियम में 2015 में एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान हुई घटना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन जब सभी होटल में नाश्ता के लिए आये तो उन्होंने देखा कि लड़की के चेहरे पर मारपीट के निशान थे.

वहीं भारतीय हॉकी टीम ने इस घटना को एक नीजी मामला घोषित करके, अपने आप को इससे दूर कर लिया है. दिल्ली महिला आयोग ने पूछा है कि भारतीय हॉकी टीम के यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए एक ‘ आंतरिक शिकायत समिति’ का गठन किया जाये. यह भी मांग की है कि भारतीय हॉकी टीम के सदस्यों द्वारा यौन उत्पीड़न और मारपीट के मामलों की शिकायतों के बारे में उनकी नीतियों को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए.

मीडिया काफी हद तक सिंह के खिलाफ गंभीर आरोपों का उल्लेख किए बिना अब तक सिंह पर मेहरबान रहा है. दो साल पहले भारतीय टेनिस के जाने-माने खिलाड़ी लीएंडर पेस पर भी घरेलु हिंसा का आरोप लगा था. जिसका परिणाम शून्य ही रहा. सवाल यह है कि कब तक हम मशहूर हस्तियों को घरेलु हिंसा जैसे संगीन मामलों में छूट देते रहेंगे?