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नहीं रहे कार्टूनिस्ट प्राण

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कार्टूनों की दुनिया बसाकर चले गए प्राण

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बच्चों के बीच लोकप्रिय थी पिंकी के कारनामें

चाचाचैधरी और साबू की जोड़ी ज़्यादातर लोगों को याद होगी। एक समय था जब जुमला खूब प्रचलित था कि चाचा चैधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है। लेकिन शायद ही आपको पता हो कि यह किरदार किसके दिमाग की उपज थी।
भारत के मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण ने चाचा चैधरी और साबू जैसे हंसने गुदगुदाने वाले कार्टून हमें दिए। अखबार और पत्रिकाओं में कई कहानियों को कार्टूनों के जरिए कहने वाले कार्टूनिस्ट कहलाते हैं। बच्चों के लिए उस समय मनोंरजन का लोकप्रिय साधन कॉमिक्स यानी पत्रिकाओं के लोकपिय कार्टून किरदारा। पिंकी, बिल्लू जैसे कार्टून भी इनकी ही सोच का नतीजा थे। प्राण का निधन 5 अगस्त को हुआ। उनका जन्म 15 अगस्त 1938 को लाहौर में हुआ था। 1960 के दशक से प्राण ने कार्टून बनाने शुरू किए। तब टी.वी. में कार्टूनों का कोई चलन नहीं था। न आज की तरह टी.वी में दिखाए जाने वाले कार्टून डोरीमॉन और पोकोमैन थे। बच्चों के पास थे तो उनके चाचा चैधरी, साबू, पिंकी और बिल्लू। जिन्हें पढ़ते पढ़ते घंटों बीत जाते थे। पढ़ते बच्चे इतना रम जाते थे कि उन्हें मम्मी पापा की डांट का भी सामना करना पढ़ता था।