खबर लहरिया वेब स्पेशल नईम भट : एक स्टार जो खो गया

नईम भट : एक स्टार जो खो गया

kashmirboy

“अगर मैं मर गया और जन्नत गया तो स्टार इलेवन का नाम गोल्डन स्टार पर लिख दूंगा। ताकि फरिश्तों को पता चल सके कि स्टार इलेवन कितना महत्त्वपूर्ण है मेरे लिए”, नईम भट ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा।

उसने ये 2014  में लिखा था। अब उनका देहांत हो चुका है। वो स्टार इलेवन का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा।  स्टार इलेवन उत्तरी कश्मीर के हंदवारा शहर में एक क्रिकेट क्लब है।  एक गोली ने हंदवारा के इस क्रिकेटर को हमेशा के लिए खामोश कर दिया है।
21 साल के इस आल राउंडर का एक सपना था।  क्रिकेट का सपना। वो खेलों में कामयाब होना चाहता था।  सबसे अच्छे क्रिकेटर के साथ खेलना चाहता था।  जम्मू कश्मीर के लिए खेलना चाहता था।  और हो सकता था, कि कभी वो भारत के लिए भी खेलता।  कई दूसरे युवाओं की तरह उसके कमरे की हर दीवार क्रिकेट स्टार्स के पोस्टरों से भरी थी।  विराट कोहली, परवेज़ रसूल उनमे ख़ास थे।
नईम क्रिकेट बहुत जोश से खेलता था। अपने खेल को बेहतर बनने के लगातार उसकी कोशिश रहती थी। वो अपने शहर से श्रीनगर का ६० किलोमीटर का रास्ता काटने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाता था। श्रीनगर जो राज्य की क्रिकेट कैपिटल है। जहां वो बड़े बड़े क्रिकेटरों से मिल और उनके साथ खेल सकता था। लोग उसकी योगयता की तारीफ़ करते नहीं थकते थे। कश्मीर जिमखाना, जो जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से सम्बध्द है, ने उसे अपने लिए खेलने के लिए रखा . ये उसका सपना पूरा करने की ओर एक छोटा सा कदम था। मगर उसके सफर का बुरा अंत हुआ। एक सपना जो बैट और बॉल से गड़ा जा रहा था, एक गोली से टूट गया . कश्मीर में क्रिकेट और संघर्ष के आपस में गुंथे होने का ये एक और उदहारण है ।
नईम की मृत्यु ने कश्मीर के क्रिकेट समुदाय को दुखी कर दिया है। उसके सभी टीम के साथियों और कोचों का मन्ना था कि उसमे एक बढ़िया आल राउंडर होने के सारे गुण थे। उसके सोचो का कहना है कि उसके बॉल फेंकने का तरीका ऐसा था की बल्लेबाज़ को चक्कर में डाल देता था। वो टीम में मिडिल आर्डर में खेलने लायक एक अच्छा बल्लेबाज़ भी था।
नईम का क्रिकेट का सफर उसी के एक दोस्त अकील अहमद के साथ साथ चल रहा था। वे फील्ड पर एक दूसरेसे मुकाबला करते थे मगर उसके बाहर पक्के दोस्त थे। उनका मिशन था: हंदवारा को क्रिकेट के लिए मशहूर बनाना।
एक दूसरे से हमेशा के लिए बिछड़ जाने से आधा घंटा पहले ही दोनों साथ थे। इस वक़्त वो वही कर रहे थे जो हमेशा क्रिकेट न खेलने वाले समय में करते थे : फोटोग्राफी। अपनी बैठक ख़त्म करने के बाद वे बाज़ार गए। यहां उनकी नज़र विरोध प्रदर्शन करते लोगों के समूह पर पडी ।
नईम को उसके पत्रकार भाई ने कैमरा लेने के लिए बुलाया . “मैं उस जगह से चला आया . थोड़ी देर बाद मुझे पता चला की नईम को गोली लग गयी है। मुझे यकीन ही नहीं आया,” अकील ने कहा। वो आगे बताते हुए बोल, ” नईम स्टार इलेवन के लिए खेलता था । मैं हंदवारा क्रिकेट क्लब के लिए। हमें अक्सर एक दूसरे के खिलाफ खेलना पड़ता था । नईम को मैं काफी करीब से जनता था । वो फील्ड पर मेरा विरोधी था मगर उसके बाहर जिगरी दोस्त ।”
“हम अक्सर क्रिकेट की बाते करते रहते थे । वो हमेशा अपने खेल को बेहतर बनने की कोशिश में रहता था । वो क्रिकेट में आगे बढ़ना चाहता था । वो अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखता था और म्हणत से ट्रैनिग लेता था । उसकी मृत्यु ने मुझे तोड़ दिया है । मुझे पता नहीं उसकी कमी मैं कैसे पूरी करूँ । ये क्रिकेट के लिए खासकर हंदवारा शहर के लिए बड़ा नुक्सान है । वो हमारे शहर को क्रिकेट की दुनिया में मशहूर करने के लिए बहुत मेहनत कर रहा था ।
नईम के कोच उसे एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में याद करते है जो अपने खेल से सम्बंधित सवाल पूछने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाता था । कश्मीर जिमखाना क्लब में कोच मंज़ूर अहमद दर कहते हैं, ” नईम बहुत नर्म दिल का और सरल व्यक्तित्व का था । वह अपने खेल को बहुत गम्भीरता से लेता था । वो बहुत मेहनती था । और हंदवारा से श्रीनगर की दूरी तय करके ट्रेनिग के लिए आता था । उसके पास लगातार अपने खेल को सुधरने की योगयता थी । हमें उसकी मृत्यु के बारे में सुन कर बहुत सदमा पंहुचा है।”  नईम की मृत्यु के बाद से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उसकी बात चल रही है । और कश्मीरी अपना दिख व्यक्त कर रहे हैं ।
नईम को ट्वेंटी २० में खेलने का भी मौका मिला था जब उसने श्रीनगर के प्राइड राइडर्स के लिए डाउनटाउन चैंपियन लीग में दो सेशन खेले । कोच मुबशिर हसन इस टीम को तैयार कर रहे थे । ज़ाहिर है कि उन्हें इस काबिल क्रिकेटर के मरने का बहुत दुःख है । नईम कभी उनसे सलाह लेने के लिए उन्हें फ़ोन करने में नहीं हिचकिचाता था, ” नईम का भविष्य उज्जवल था । वो बहुत कुछ सीखना चाहता था । मुझे उससे बहुत उम्मीदें थीं । उसके अंदर वो भूख और जोश था जो सबको प्रभावित कर देता था । उसकी मृत्यु से उसके साथ खेलने वाले दूसरे खिलाडियों पर गहरा असर पड़ेगा । वे दर जायेंगे । और इससे बाहर आने में उन्हें काफी समय लगेगा।”
उसके माता पिता उसे गावस्कर कहकर पुकारते थे । जबकि उसके कुछ दोस्त उसकी तुलना मार्टिन गुप्टिल से करते थे । मंगलवार (अप्रैल १२) को एक गोली ने स्टार इलेवन के सबसे चमकते सितारे को छीन लिया । आशा है कि फ़रिश्ते समझेंगे की क्रिकेट उसके लिए क्या मायने रखता था ।
साभार: वहीद मिर्ज़ा / विस्डन इंडिया (http://www.wisdenindia.com/cricket-article/nayeem-bhat-a-star-snuffed-out/207695)