खबर लहरिया औरतें काम पर तीसरा लिंग और सामाजिक स्वीकृति

तीसरा लिंग और सामाजिक स्वीकृति

साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

मुम्बई की माधुरी सरोड़े ने ट्रांसजेंडर (महिला और पुरुष के लिंग से अलग) के हकों के लिए कई सालों तक लड़ाई लड़ी और अब इस लड़ाई को अंजाम देते हुए उन्होंने 28 दिसम्बर को मुंबई के एक मंदिर में शादी कर ली। उन्होंने अपने दो साल से साथ रह रहे प्रेमी, जय कुमार शर्मा से शादी कर ली। ट्रांसजेंडर्स की शादियां पहले भी हुईं हैं लेकिन कानूनन मान्यता न होने के कारण ऐसी शादियां हमेशा गुप्त ही रही हैं।
माधुरी और जय की मुलाक़ात 5 साल पहले फेसबुक पर हुई थी, लेकिन उन्होंने शादी के फैसले तक पहुंचने के लिए आगे 2 साल लिए। यह देश में पहली ट्रांसजेंडर शादी हुई जो पूरे रीति-रिवाज के साथ समाज के सामने हुई है। माधुरी की मांग है कि उनकी शादी को कानूनी मान्यता मिले, लेकिन वह यह भी जानती हैं कि यह कठिन प्रक्रिया है। माधुरी कहती हैं कि अगर उन्हें भी समाज में पहचान दी गई है तो उन्हें शादी का भी अधिकार दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि तीन साल पहले ही देश की सर्वोच्च अदालत ने ट्रांसजेंडरों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला कई अधिकार दिए थे। जिसमें मतदान के अधिकार, पासपोर्ट आवेदन, ड्राइविंग लाइसेंस और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए अलग पहचान दी गई थी।
यहीं नहीं, मुंबई के जियो गार्डन में फरवरी 2017 में होने वाले अंतरराष्ट्रीय फैशन वीक में पहली ट्रांसजेंडर मॉडल को भाग लेने का मौका मिलेगा। अंजलि लामा नेपाल की रहने वाली ट्रांसजेंडर मॉडल हैं। लड़के से लड़की बनने का अंजलि का संघर्ष दिखाने के लिए उन पर एक फिल्म भी बन चुकी है। ट्रांसजेंडर हक़ और समाज में उनकी स्वीकृति के लिए ये दो बहुत बड़ी घटनाएं हैं।