खबर लहरिया जवानी दीवानी तबाही में भी ढूँढा कुछ रचनात्मक

तबाही में भी ढूँढा कुछ रचनात्मक

पलेस्टाइन के गाज़ा शहर में दो लड़कियां, मजद म्श्हरावी और रवान अब्दुल्लाह ने एक अदभुत सृजनात्मक काम कर दिखाया है। इंजीनियरिंग की पढाई करें इन दोनों ने मलबे से ईंटे बनाने का तरीका निर्माण किया है।
नजदीकी देश इज़्रेल के साथ सालों से चले जानी वाली जंग की वजह से गाज़ा में बम्ब के विस्फोटन से कई इमारतें मलबे के रूप में हैं। 2015 के आंकड़ों के हिसाब से नौ हज़ार इकस्ट पलेस्टाइन शरणार्थियों के घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, और इसलिए मजद और रवान ने ये तय किया कि वो दोनों इस युद्ध के बाद की तबाही को अपनी योजना से कम करने की कोशिश करेंगी।
इस मलबे से बनी यह ईंटे सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं और इन ईंटों को “ग्रीन केक्स” नाम दिया गया है। अब इन ईंटों को बड़े पैमाने पर तैयार भी किया जायेगा। करीब अठारह हज़ार घरों को फिर से बनाने की यहाँ ज़रुरत है, इसलिए लड़कियों का मानना था की ग्रीन केक्स एक बहुत सफल योजना बनेगी। क्योंकि इसका वजन साधारणतया इस्तेमाल की जाने वाली ईंट से आधा है और इसका मूल्य 30% से भी कम है, तो यकीनन ये बात सिद्ध भी रही है।
फिलहाल गाजा में रोजाना 40,000 ग्रीन ब्रिक्स की मांग है।

फोटो और लेख साभार: शी द पीपल