खबर लहरिया औरतें काम पर झूठी खबरों से लड़ने, महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाली आईपीएस रीमा राजेश्वरी

झूठी खबरों से लड़ने, महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाली आईपीएस रीमा राजेश्वरी

साभार: ट्विटर

तेलंगाना राज्य के मुन्नार की पहली महिला आईपीएस रीमा राजेश्वरी ने अब तक 1200 बाल विवाहों को रोक कर बच्चियों को बचाया, साथ ही मानसिक और यौन उत्पीड़न से पीड़ित देवदासियों को बचा व्यावसायिक प्रशिक्षण के द्वारा जीवन जीने का दूसरा मौका दिया। गाँवों के स्कूलों की जर्जर पड़ी इमारत को बनवाने के साथसाथ रीमा ने बच्चों के लिए स्वच्छ पेय जल और शौचालयों की भी व्यवस्था करायी है।

वे समाज में प्रताड़ित महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर वर्गों की मदद के लिए इनकी टीम कई अभियानों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है और इस प्रकार इनकी यात्रा शुरू हुई और इन्होंने कानून और व्यवस्था को व्यवस्थित बनाए रखने के साथसाथ संवेदनशीलताऔर सहानुभूतिपर पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हुए पुलिस विभाग में सामाजिक नवाचारका उपयोग करना शुरू कर दिया।

यही नहीं, इन सभी कार्यों के साथ रीमा अब व्हाट्सएप पर फैलाई जा रही झूठी ख़बरों, फेक न्यूज़ के खिलाफ भी लड़ रही हैं. इसके लिए भी उन्होंने एक टुकड़ी बनाई है जो फेक खबरों पर नजर रखता है और उनके सत्य को खोज कर लोगों को उसके बारे में सही जानकारी देता है।

आईपीएस रीमा राजेश्वरी और उनकी टीम ने महबूबनगर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक नागरिक समाज संगठन के लिंग प्रशिक्षकों को नियुक्त किया और विभिन्न पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के लिंगआधारित हिंसा के शिकार लोगों के साथ व्यवहार करते हुए संवेदनशील होने के लिए प्रशिक्षित किया।

यही नहीं, उन्होंने गांव के गोद लेने के कार्यक्रम के तहत, आसाराल पुलिस स्टेशन की एसएचओ के रूप में रीमा और उनकी टीम ने श्री श्रीनिवास के साथ, , कतावरम के छोटे से गांव को अपनाया और एक वहां के खाली पड़े प्राथमिक विद्यालय की पूरी रूपरेखा को बदलकर 42 छात्रों के साथ दोबारा से स्कूल शुरू किया।

आंध्र प्रदेश सरकार के द्वारा एपी देवदासिस (समर्पण का निषेध) अधिनियम,1988 पारित होने के बावजूद भी, जोगिनी या देवदासी के घृणित कार्य दक्षिणी राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में अभी भी जारी है। अकेले सिर्फ महबूब नगर जिले में ही 2000 से अधिक देवदासी पाई गयी। इन महिलाओं को बचाव और पुनर्वास करने के लिए, रीमा ने जनशिक्षण संस्थान के साथ मिलकर काम किया, जिसके तहत जोगीनियों को उनके निवास के आसपास के इलाकों में उपयुक्त क्षेत्रों में अपनी इच्छा के अनुसार व्यावसायिक कौशल प्रदान किया गया।