खबर लहरिया जवानी दीवानी झुग्गी में रहने वाली लड़की ने संघर्ष से बदली अपनी और अपने जैसों की किस्मत

झुग्गी में रहने वाली लड़की ने संघर्ष से बदली अपनी और अपने जैसों की किस्मत

साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

झुग्गी में रहने वाली लड़की ने संघर्ष से बदली अपनी और अपने जैमुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली लड़की आरती दसवीं क्लास में फेल हो गई थी तब उसके घरवालों ने आर्थिक दिक्कतों की वजह से उसे आगे नहीं पढ़ने दिया। जिसके बाद आरती ने दैनिक मजदूरी कर हर दिन 9 रुपये कमाये और उन पैसों को इकट्ठा कर कुछ सालों बाद आगे की पढ़ाई की। आज वही लड़की अपने संगठन ‘सखी’ के जरिये झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली दूसरी लड़कियों को पढ़ाने का काम कर रही है, ताकि उन लड़कियों की पढ़ाई बीच में ना छूटे।मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली लड़की आरती दसवीं क्लास में फेल हो गई थी तब उसके घरवालों ने आर्थिक दिक्कतों की वजह से उसे आगे नहीं पढ़ने दिया। जिसके बाद आरती ने दैनिक मजदूरी कर हर दिन 9 रुपये कमाये और उन पैसों को इकट्ठा कर कुछ सालों बाद आगे की पढ़ाई की। आज वही लड़की अपने संगठन ‘सखी’ के जरिये झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली दूसरी लड़कियों को पढ़ाने का काम कर रही है, ताकि उन लड़कियों की पढ़ाई बीच में ना छूटे। आज करीब 400 लड़कियों को ये पढ़ाने का काम कर रहीं हैं। लड़कियों को वो दो पालियों में पढ़ाती हैं, पहली पाली शाम को 5 से 7 बजे के बीच होती है और दूसरी पाली 7 से 9 बजे तक। आरती यही नहीं रूकी वह लड़कियों को पढ़ाई और जीवन कौशल के साथ साथ खेलकूद का ज्ञान भी देना चाहती थीं इसके लिए उन्होने पिछले साल जुलाई में अपने जन्म दिन के मौके पर गर्ल्स स्पोर्टस स्कूल की स्थापना की।  दो महीने पहले ही उन्होने लड़कियों के लिए शारीरिक विकास की योजना भी आयोजित की है।  अभी हाल ही आरती को शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम को देखते हुए मुंबई में आयोजित एशियन कांफ्रेस में उन्हें स्पीकर के रूप में बुलाया गया और वहां उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया।