खबर लहरिया छतरपुर छतरपुर जिले में ‘किशोरी बालिका दिवस’ नहीं मनाने की वजह लापरवाही या पैसे की कमी?

छतरपुर जिले में ‘किशोरी बालिका दिवस’ नहीं मनाने की वजह लापरवाही या पैसे की कमी?

आंगनबाडी केन्द्र का निर्माण का मकसद गर्भवती,धात्री,शिशु और किशोरियों के स्वास्थ्य पर केन्द्रित था लेकिन भ्रष्टाचार और जागरूकता के अभाव के कारण ऐसा हो कहां पाता है
छतरपुर जिले के चौका गांव की दो आंगनबाड़ी केन्द्र में दो साल से ‘’किशोरी बालिका दिवस’’ नहीं मनाया जा रहा है। वजह बजट का न होना या काम में लापरवाही? इस दिवस का मकसद है, बी.पी.एल.परिवारों की अविवाहित स्कूली शिक्षा छोड़ चुकी किशोरियों को पर्याप्त स्वास्थ्य व पोषण सम्बन्धी सूचनाओं के साथ स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाएं देना। ये दिवस हर महीने के चौथे मंगलवार को मनाया जाता है। दोनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जवाब में भी अंतर है।
नीतू सिंह का कहना है कि हमें पता ही नहीं है कि किशोरी दिवस है क्या? क्योंकि  किशोरी दिवस में हमें बुलाया ही नहीं जाता है और न तो कोई आता है, कि कहीं  से पता चले कि किशोरी दिवस मनाया जा रहा है।
रामकली आहिरवार ने बताया कि हमें बोला गया था कि लडकियों को इकटठा करो लेकिन यहां कोई लड़कियां इकटठा नहीं होती हैं।
पूनम आहिरवार का कहना है कि हमें नहीं पता है कि किशोरी दिवस कब मनाया जाता है। हमें कोई बुलाता नहीं है।
बन्दना यादव ने बताया कि मनाया जाता होगा हमें बुलाते नहीं है हमें पता भी नहीं है।
रचना परिहार का कहना है कि न मनाया जाता है कि किशोरी दिवस है क्या? जब कोई बुलाएगा तभी हमें मालूम होगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिला छतरपुर आशा सिंह ने बताया कि जो गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र है वहां किशोरी लड़कियों को बुलाकर मनाते हैं
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता आहिरवार का कहना है कि हमारे यहां तो मनाया जाता है लेकिन कुछ दिनों से बजट नहीं मिला है
परियोजना अधिकारी जिला छतरपुर अशोक विश्वकर्मा ने बताया कि मनाया जाता है, किशोरी दिवस के उपलक्ष्य में किशोरियों को किशोरी दिवस से जुड़ी जानकारी भी दी जाती हैं ,गोली सिरप आदि दिए जाते हैं

रिपोर्टर- नसरीन

Published on Feb 16, 2018