खबर लहरिया वाराणसी चुनाव की भारी कीमतः दलित महिला को धमकी, बेटी की ली जान

चुनाव की भारी कीमतः दलित महिला को धमकी, बेटी की ली जान

Mirzapurमिर्ज़ापुर , पलड़ी, शिवगढ़। एक महीने पहले तक, राजकुमारी के लिए जि़ंदगी में सब कुछ ठीक था। उसने अभी अपने गांव शिवगढ़ मिर्ज़ापुर से ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) का चुनाव जीता था। एक दलित औरत और एकल मां के रूप में वो अपने बेटे के इलाज और अपनी सोलह साल की लड़की की शिक्षा के लिए पैसे जुटा रही थी। राजकुमारी मज़दूरी करके अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही थी।
23 दिसंबर की रात को उसकी जि़ंदगी में सब बदल गया। उसकी सोलह साल की बेटी गीता का शिवगढ़ के कुछ लोगों ने बलात्कार किया।
बेटी का गायब होना
इस सब की शुरुआत हुई बीडीसी चुनावों से। राजकुमारी ने बताया कि उसे उसके प्रतियोगियों में से एक श्याम बहेरिया ने बार बार धमकी दी। राजकुमारी के पिता रामधनी ने बताया, ‘‘वे मतगणना वाले दिन भी आए और बोले कि अगर मेरी बेटी जीती तो ऐसा कर देंगे कि कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।’’
23 दिसंबर को गीता अपनी नानी के साथ थी और मोबाइल पर गाने सुन रही थी। रात 11 बजे के करीब सब सोने चले गए। एक घंटे बाद रामधनी की आंख खुली और घर के अंदर गए। वे देख कर चैंक गए कि गीता वहां नहीं थी। घबराकर उन्होंने सब घरवालों को जगाया। घर के लोग और पड़ोसी उसे ढूंढने निकले।
कुछ समय बाद उन्होंने मोबाइल पर कॉल किया। मोबाइल बजने की आवाज़ पास के एक खेत से आ रही थी। जब वे मोबाइल तक पहुंचे तो उन्होंने पाया गीता बेहोश पड़ी थी। उसके कपडे़ फटे थे और शरीर पर खून के दाग थे। जब वो होश में आई तो गीता ने बताया कि दो आदमियों – पप्पू और बिंदु बहेरिया – ने उसे उठाया और नजदीक के खेत ले गए। उन्होंने उसका मुंह और हाथ बांध दिए और कपड़े फाड़ दिए। उन्होंने उसे नचाया और फिर उसका बलात्कार किया।
पुलिस का व्यवहार
अगले दिन राजकुमारी गीता को पलड़ी पुलिस थाना ले गई। पुलिस ने एफआईआर लिखने या उसकी चिकित्सीय जांच करवाने से मना कर दिया। राजकुमारी के अनुसार पुलिस ने गीता से अपमानजनक और असंवेदनशील सवाल पूछे। ‘‘क्या हुआ था और कैसे किया? क्या तुम्हें पीलिया हुआ है जो तुम एक शब्द भी नहीं बोल सकतीं?’’ थाने पर मौजूद दरोगा अखिलेश्वर ने कहा। वे सवाल पूछते हुए हंस रहे थे और कहा कि गीता को समझौता कर लेना चाहिए।
अगले दिन पप्पू और बिंदु के रिश्तेदार राजकुमारी के घर आए और कहा कि उसे थाने के बाहर ही समझौता कर लेना चाहिए। जब परिवार ने उनकी बात मानने से मना कर दिया तो वे फिर विनती करने के लिए आए। गीता कमरे से यह कह कर चली गई कि उसे नींद आ रही है। कुछ समय बाद उसकी नानी कमरे में गईं तो उसे पंखे से लटका पाया।
जब उप जि़लाअधिकारी राजकुमारी से मिलने गईं तो उन्होंने उससे बोला कि वो दिखाए कि कैसे उसकी बेटी ने अपने आप को फांसी लगाई थी।
आखिरकार दफा 376, 306, और 456 के तहत पलड़ी थाने में केस दर्ज हुआ है। पप्पू और बिंदु दोनों जेल में है। मगर राजकुमारी ने जीने की इच्छा छोड़ दी है।