खबर लहरिया अतिथि कॉलमिस्ट गांव में पेंशन सुविधा कम, परेशानी ज़्यादा

गांव में पेंशन सुविधा कम, परेशानी ज़्यादा

जिला बांदा। कहां तो वृद्धा, विकलांगों और विधवाओं के लिए पेंशन की योजना द्वारा सरकार उनकी मदद करने की कोशिश करती है, पर दरअसल यही लोग इस योजना के नियमों और इसे लागू करने वाले के विभागों के चक्कर में और ज़्यादा परेशान हो गए हैं।

तेरा पतौरा गाँव के लोग

तेरा पतौरा गाँव के लोग

ब्लाक महुआ, गांव तेरा पतौरा। जानकी, नन्ही, भगवानदीन और जगन्नाथ को वृद्धा पेंशन मार्च 2013 से नहीं मिल रही है। जब समाज कल्याण विभाग में पता किया तो वहां इन सभी को मृत दिखा दिया गया है। इसके बारे में लेखपाल अज़ीम मोहम्मद ने बहुत ही आराम से कहा कि इस गलती को सुधार दिया जाएगा।
गांव बरईमानपुर। सुशीला दो साल से विधवा पेंशन का फार्म भरने के लिए प्रधान के पास कई बार जा चुकी हैं। प्रधान अमृतलाल कहता है कि सरकारी काम में देर तो लगती ही है। दस महीने पहले जो पेंशन के फार्म भरे गए थे, जब तक वह उनका पेंशन नहीं आता तब तक दूसरे फार्म नहीं भरे जा सकते।

ब्लाक नरैनी, गांव बहादुरपुर मजरा शिवपुर। दुवसिया और सावित्री को वृद्धा पेंशन अब आठ महीने से नहीं मिली है। समाज कल्याण विभाग में उनके नाम लगभग आठ एकड़ ज़मीन खेती चढ़ी है जबकि उसके पास कोई ज़मीन नहीं है।
गांव दुबरिया की जाहिदा और उनके दो बच्चे अंधे हैं। उनके पति को मरे पांच साल हो गए हैं। ना उन्हें विधवा पेंशन मिलता है और ना ही विकलांग। दो बार अतर्रा तहसील दिवस में दरखास भी दी है। अतर्रा एस.डी.एम. अशोक कुमार पुष्कर ने कहा कि विकलांग पेंशन के लिए फार्म भर कर विकलांग कल्याण विभाग भेज दिया गया है। बच्चों को उम्र अट्ठारह साल होने पर ही पेंशन का लाभ मिलेगा।

ब्लाक तिन्दवारी, गांव बेंदाघाट। पप्पू को पांच साल से विकलांग पेंशन मिल रही थी। पिछले साल से पेंशन नहीं मिली है। इलाहाबाद बैंक शाखा चिल्ला के बैंक मैनेजर राजू ने बताया कि इनकी पेंशन विकलांग कल्याण विभाग से ही नहीं आ रही है।
गांव जौहरपुर में सत्तर वर्षीय सुमन को डेढ़ साल से वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है। समाज कल्याण विभाग के बाबू से पता चला कि पेंशन यू.पी. ग्रामीण बैंक, शाखा बेंदाघाट में उनके खाते में भेज दी गई है। बैंक के मैंनेजर ने कहा कि पेंशन आई ही नहीं।

समाज कल्याण विभाग बाबू रमाशंकर गुप्ता और विकलांग कल्याण विभाग बाबू विद्या देवी का कहना है कि जो गड़बडि़यां हैं वह इसलिए हंै क्योंकि सारा काम क्म्प्यूटर में चढ़ रहा है। अगर इस तरह की गड़बडि़यां हैं तो लोग मतदाता सूची लिस्ट, निर्वाचन पहचान पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल, अपनी फोटो के साथ प्रधान और बी.डी.ओ. से हस्ताक्षर मोहर करा के यहां जमा करें।