खबर लहरिया बुंदेलखंड गन्ने का गुड़ तो सबने खाया है लेकिन खजूर का गुड़ किसने खाया है?

गन्ने का गुड़ तो सबने खाया है लेकिन खजूर का गुड़ किसने खाया है?

गन्ने का गुड़ सबने खाया है लेकिन क्या आपने खजूर का गुड़ खाया है? यह गुड़ खजूर के फल से नहीं, पेड़ से बनता है।चलिए जानते है महोबा जिला के सुगिरा गांव में यह गुड़ कैसे बनता है।
मुकेश ने बताया कि खजूर के पेड़ को छील दिया जाता है। जिससे पेड़ से रस निकलता है। छीले पेड़ में एक नली लगाकर फिर घड़ा बांधते हैजिससे उसमें रस भर जाता है। एक दिन में दस ग्यारह घड़े पेड़ो पर टांगते है।सारे घड़े भर जायें तो पांच-छह किलो गुड़ बन जाता है। हमारा यह गुड़ ठेकेदार दिल्ली तक ले जाते है। भूपत का कहना है कि हमें जहां खजूर के पेड़ मिल जाते हैं वही खरीद लेते हैं। फूला ने बताया कि खजूर के रस को कढ़ाही में पकाते हैं फिर जमीन में छोटे-छोटे गड्ढ़े करके उसमें पके रस को डाल देते है। इस तरह गुड़ तैयार हो जाता है।रिंकू का कहना है कि एक दो घंटे रस को पकाते है फिर घोटते है उसके बाद गुड़ तैयार किया जाता है। श्यामलाल और मोहम्मद वाहिद का कहना है कि खजूर का गुड़ दानेदार होता है। इसको खानें से शरीर में गमी बढ़ती है, इसलिए गुड़ ठंडी में बनता है।इसका स्वाद हल्का मीठा और नमकीन होता है।

रिपोर्टर- श्यामकली

Published on Jan 2, 2018