खबर लहरिया झाँसी काम करने पर भी मंगनी पड़ रही है भीख

काम करने पर भी मंगनी पड़ रही है भीख

जिला झांसी, ब्लाक बबीना, गांव डगरिया इते के आदमियन को मनरेगा में काम नइ मिल रओ जी से उन्हें पेट भरबे के लान भीख मांगेबे जाने परत। और प्रधान से कोनऊ सुविधा नइया न तो मंरेगा को काम मिलत न कालोनी हे रेबे के लाने।
बिस्मा ने बताई के एक दो साल हो गयी जब से न तो मनरेगा को काम मिल राओ न कोनऊ गांव में काम लग रओ। न तो हमाय गांव में नाली बनी न शौचालय बने कोऊ के न कछु नरेगा को काम आत हमाय गांव में।
जांबकार्ड हमाओ पहले बनो तो सो जब नरेगा को काम चलत तो बई में ले गये ते फिर उन ने वापिस नई दओ।
मीना ने बताई के काम करबे के लाने जात मिल जात तो कर लेत नई मिलत तो अपने घर लौट आत। एक दो दिन काम मिलत वा में का खर्चा चले घर को।
सुरेता ने बताई के न तो हम ओरन के लाने कालोनी हे न घर मकान हे न कछु हे न खेती हे न जघा जमीन हे न मनरेगा को काम मिलत। मजदूरी करबे के लाने जात मिल जात तो कर लेत और खा लेत नई तो एसे भूकन मरत।
भूरी ने बताई के अब हम पे तो मनरेगा को काम बनत नईया मोड़ी मोड़ा करत सो उने काम नई मिलत। एक साल से तो प्रधान ने कोनऊ मजूरी नइ दई। सेवक से कई प्रधान से भी कई कत के मिल हे मिल हे और देत नइया। जोब कार्ड भी हे हमाओ मोड़ी मोड़ा मजदूरी करबे जात तो कबहु डेढ़ सौ या दो सौ मिल जात कबहु बेई नइ मिलत।
अब्दुल समद प्रधान ने बताई के इते छोटी पंचयात हे सो काम बेसे भी कम आत। अबे तक जी ने काम करो चार महीना सो बाको रुपईया नइ मिलो। अब आदमी काम करबे के लाने तैयार नईया। कत के पहले के रुपईया देओ तब हम काम करे।
अबे मीटिंग भई ती सो बामे कह रए ते के देर से आहे रुपईया लेकिन आ जेहे। अब सब कह रहे के रुपईया देओ तब काम करे। और बे कत के काम करवाओ आप जब रुपईया नई मिल रए तो काम किते से करे आदमी। अबे तक तो पूरे नट समाज के ही आदमी कर रए ते मनरेगा को काम।

रिपोर्टर- सफीना

19/10/2016 को प्रकाशित