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कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को मिला अलग धर्म का दर्जा

साभार: विकिपीडिया

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने लिंगायत समुदाय के लोगों को अलग धर्म का दर्जा देने के सुझाव को मंजूरी दे दी है।
बता दें कि कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या करीब 18% है। इसके अलावा बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
बता दें कि लिंगायत समाज को कर्नाटक के अगड़ी जातियों में गिना जाता है। कर्नाटक में करीब 18% लिंगायत समुदाय के लोग हैं।
लिंगायत समुदाय के लोग काफी समय से अलग धर्म की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि उनके कई रीति रिवाज हिंदू धर्म से अलग हैं। समुदाय मूर्ति पूजा का विरोध करता है और शव को दफनाता है।
आगामी विधानसभा चुनावों में येदियुरप्पा को एक बार फिर से बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने की यही वजह है कि लिंगायत समाज में उनका मजबूत जनाधार है। लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देकर कांग्रेस ने येदियुरप्पा के जनाधार को कमजोर करने की बड़ी कोशिश की है।