खबर लहरिया जवानी दीवानी कपड़ों के बिना जिंदगी जीने की सिफारिश करती नुमाइश

कपड़ों के बिना जिंदगी जीने की सिफारिश करती नुमाइश

फोटो साभार - बीबीसी इंडिया

फोटो साभार – बीबीसी इंडिया

लंदन में इन दिनों एक खास नुमाइश लगी हुई है। ये नुमाइश स्टूडियो वॉल्तेयर गैलरी में लगी है। जो अस्सी के दशक में महिलाओं के एक आंदोलन की याद दिलाती है। ये आंदोलन ‘नियो-नेचरिस्ट्स’ ने चलाया था। ये लोग कुदरत से नजदीकी और बिना कपड़ो के जिंदगी बसर करने के समर्थक हैं।
80 के दशक में क्रिस्टीन बिनी, उनकी बहन जेनिफर और विल्मा जॉनसन नाम की तीन महिलाओं ने बिना कपड़ो के कई जगह प्रदर्शन करके लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश की थी। जब रॉयल ओपेरा हाउस में विल्मा जॉनसन, क्रिस्टीन बिनी और जेनिफर बिनी अपने बदन पर सिर्फ बॉडी पेंट लगाकर लोगों के सामने आईं, तो सन्नाटा पसर गया।
अस्सी के दशक में इस ग्रुप ने कभी सड़क पर प्रदर्शन, तो कभी, नाइट क्लब या आर्ट गैलरीज में नंगे बदन की नुमाइश। उन्हें इस हालत में देखकर अक्सर लोग हैरत में पड़ जाते थे। कुछ लोगों तो महिलाओं का यूं नंगे बदन खुले में घूमना सदमा दे गया।
इनका मकसद जमाने के चलन को, समाज के कायदों को चुनौती देना था। लेकिन कुछ वक्त बाद लोग उन्हें भूल गए। अब उसी पुरानी याद को यह नुमाइश ताजा कर रही है । इसमें तस्वीरें हैं, वीडियो है और दूसरी यादगार चीजें हैं।