खबर लहरिया सबकी बातें कउन हवैं जिम्मेदार?

कउन हवैं जिम्मेदार?

mirzya-trailer_759-wwwwनवरात्र, दशहरा, दीपावाली, अउर मुर्हम समेत कइयौ त्योहार या महीना मा हवैं। शासन कइत से इं त्योहारन मा साफ सफाई कराई गे हवैं। इं त्योहार के कारन दंगा फसाद न होय यहिके खातिर पुलिस लगाई गे हवैं।
पै शासन कइत से येते व्यवस्था होय के बाद भी दंगा फसाद होइ जात हवैं। जइसे देवी विसर्जन के दंगा होइ गा हवैं। काहे से एक कइत मड़ई देवी का विसर्जन करै जात रहै, तौ दूसर कइत मड़ई ताजिया का लइके जात रहै।
शासन कइत से आदेश रहा कि देवी विसर्जन के लाने मड़ई तालाब मा दोपहर तीन बजे तक चले जइहैं। ताजिया खातिर मड़ई नदी मा जइहैं। इं सब आदेश के बाद भी मड़ईशाम तक देवी विसर्जन खातिर लइ गें। शाम का मेन रास्ता चौराहा से लइ के जात रहै पुलिस प्रशासन के रोके मा मड़ई भड़क गें यहै कारन पथराव अउर लाठी चार्ज करैं का पडा।
शासन कइत से येतती सुविधा होय के बाद भी इनतान का दंगा फसाद होइ गा हवैं। तौ यहिके जिम्मेदार को हवैं। मड़ई या शासन ब्यवस्ता या सोचे के जरूरत हवै कि अगर कउनौ नियम लागू कीन जात हवै तौ मड़इन का उंई नियम का पालन करै का चाही जेहिसे देश अउर समाज मा शांति बनी रहै।