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कइसन हई व्यवस्था

सरकार बिजली के सुविधा बी.पी.एल. परिवार के लोग के देलथिन। एकर नियम कि हई इ  केकरो बतायल न गेलई। जई कारण लोग के अब ओकर परिणाम भुगते पर रहल हई।
अब जब लोग के पास बील अलईय त उ देख के हड़बड़ा गेल छथिन। ओहु में जब ट्रांसफामर छौ महिना पहिले जल गेल हो। अगर जे नियम हो ओकर कोई उल्लंधन न करे पर लोग पर बोझ भी न बने अईसन व्यवस्था बने के चाही। जइसे शिवहर जिला के कुछ गांव में दुहजार से ढ़ाई हजार के बिल आयल हई। अब जेकरा दु वक्त के रोटी के लेल सोचे परई छई उ एतना रुपईया कहां से लतई?
उनका बिजली के बिल भरे के लेल कर्ज ही लेवे के परतई। उनकर गरीबी घटतई कि बढ़तई? एई बोझ से लोग मरतई कि जीतई अगर हर बेर महिना दु महिना पर बिल भेज देल जाय त सब के लेल आसान होतई।
सरकारी विभाग में त बैसे भी काम के लेल कहई-कहईत लोग थक जाई छई। केना गांव में ट्रांसफामर चोरी भेल या जल गेल हई। लेकिन ओकर सुनवाई जबतक होई छई तब तक लोग भुल भी जाई छथिन। अईसन व्यवस्था के कि कहल जतई