खबर लहरिया औरतें काम पर औरतन के साथै मारपीट करैं के बनाये जात हजार बहाना

औरतन के साथै मारपीट करैं के बनाये जात हजार बहाना

चित्रकूट जिला। हिंया औरतन का मारपीट करैं खातिर ससुराल वालेन के पास बहाना के कमी नहीं हवै। हम इनतान से समस्या का सामना करैं वाली तीन औरतन से मिले हन। बात करैं मा पता चला कि तीनौ नियाव खातिर पुलिस के पास तौ गईं, पै कारवाही बहुतै कमजोर हवै।
ब्लाक मानिकपुर, गांव गिदुरहा, पुरवा कटरा। हिंया के गिरजा देवी कहिस-“मोर शादी मध्य प्रदेश, जिला सतना, ब्लाक मझगवां, गांव चैरहा मा हुबलाल से भे रहै। दुइ साल पहिले सूरत कमाय गा मनसवा लउट के नहीं आवा। 25 नवम्बर 2014 का सास, ससुर अउर जेठ मारिन। 3 दिसंबर का जेठ दुबारा मारपीट करिस। मझगंवा थाना मा जेठ जागेश्वर के खिलाफ रपट लिखाये हौं।“ जबैकि जागेश्वर कहिस कि गिरजा देवी झूठ मा मोरे खिलाफ मुकदमा लिखा दिहिस हवै।
मझगवां थाना का छोट दरोगा रमेश कुमार कहत हवै कि जागेश्वर के खिलाफ मुकदमा लिख गा हवै। मुकदमा मा मारपीट के धारा 323 अउर गाली गलौज के धारा 504 आई.पी.सी. लाग हवै।
Karvi Kotwaali 2 webब्लाक कर्वी, गांव इटखरी। हिंया के सुमित्रा बताइस-”शादी छह साल पहिले घुरेहटनपुर गांव मा चुन्नू के साथै भे रहै। मनसवा जुंआ खेलत रहै अउर दारू पियत रहै। ऊपर से मारपीट करत रहै। काम धंधा कुछौ नहीं करत रहै। दुइ-दुइ दिन तक चूल्हा नहीं जलत रहै। चुन्नू मारपीट केे घर से निकार दिहिस। यहिके रपट कर्वी कोतवाली मा 1 दिसंबर 2014 का लिखाये हौं।“ चुन्नू कहिस कि सुमित्रा का न रखिहौं। काहे से कि मोरे खिलाफ कोतवाली मा रपट लिखाइस हवै।
कर्वी कोतवाली के छोट दरोगा कपूर सिंह कहिन कि रपट लिखी हवै। चुन्नू के खिलाफ 323 (मारपीट) अउर 504 (गाली गलौज) धारा लाग हवै।
ब्लाक रामनगर, बड़का मटियारा। हिंया के कुसुम का कहब हवै-“मनसवा हीरालाल पांच साल से मारपीट करत हवै। तीन छोट बच्चन समेत मोहिका घर मा नहीं रहैं देत आय। या कारन तीन महीना से मइके मा रहौं तौ मोर छोट लड़की हीरालाल के बिना न रहत रहै। 8 दिसंबर 2014 का ससुरे कटैया खादर गांव गईंव तौ मनसवा मोहिका घर नहीं घुसैं दिहिस। रात भर दुसरेन के दुआरे मा बच्चन का लीने परी रहौं। 9 दिसंबर का मइके चली आईंव अउर मऊ थाना मा रपट लिखाये हौं।” हीरालाल का कहब हवै कि कुसुम खुदै रहैं का तैयार नहीं आय। 8 दिसंबर का आई अउर 9 दिसंबर का चली गे हवै।
मऊ थाना के छोट दरोगा के.आर. तिवारी का कहब हवै कि कुसुम दरखास लिखावैं आई रहै। कहै मोहिका अपने मनसवा के साथै नहीं रहै का आय। हम दरखास नहीं लिखा। वहिका बता दीन हवै कि अदालत जा के धारा 125 के तहत खाना खर्चा के मांग कई सकत हवै।