खबर लहरिया बाँदा एक दिन के साबुन -शैम्पू से क्या अन्दर की सफाई होगी? बाँदा के दलितों का मुख्यमंत्री को सन्देश

एक दिन के साबुन -शैम्पू से क्या अन्दर की सफाई होगी? बाँदा के दलितों का मुख्यमंत्री को सन्देश

जिला बांदा, कस्बा बांदा जबै कउनौ राज्य मा मुख्यमंत्री आवत है तौ गांव के काया पलट दीन जात है। सड़क, नाली, शौचालय सब चकाचक कइ दीन जात है। 25 मई का कुशीनगर मा जबै मुख्यमंत्री आये है तौ हुंवा के बड़े अधिकारी गांव के दलित मड़इन का साबुन, शैम्पू अउर सेंट बंटवाइन है यहिके बारे मा बाँदा के दलित मड़इन का कहब है आओं जानी।
चन्द्रपाल का कहब है कि मड़इन का खाये खातिर नहीं आये तौ साबुन शैम्पू लगा के का करिहैं। या गलत काम कीन गा है। कुंवरा बताइस कि एक दिन साबुन शैम्पू बंटवावै से का होत है। का एक दिन मा हमार सफाई होई जई। भीतर के सफाई न होइ तौ बाहर के सफाई करे से का होई।
कल्लू बताइस हम किसान आहीं तौ धूल अउर माटी तौ लपेटे रहिबै अउर साफी बनियान पहिन के रहित हन।सुशीला अउर रानी बताइस कि हम गरीब हन तौ का भा का हमार गरीबन का आपन बात कहे का हक नहीं आय। नेता अउर मंत्री हमार घर के महतारी बाप जइसे है तौ उनका भेदभाव न करै का चाहीं। भेदभाव करै वाले नेता मंत्री का आपन पद मा रहै का कउनौ हक नहीं आय।
जवाहर लाल बताइस कि आपन काम पूर करै खातिर एक दिन के लाने साबुन, शैम्पू बंटवाइन है दलितन का येत्ता ऊंच उठावा जाये कि उंई खुद आपन समस्या हल कइ सकै। संतोषी अउर सलोनी बताइन कि रुपिया अउर अनाज बांटत तौ गरीबन के काम आवत साबुन शैम्पू से का होत है। खून मांस एक होय का भाषण देत है अउर बड़े आदमी खुदै छूत मानत हैं तौ छोटे मड़ई तौ मनबे करिहैं।

रिपोर्टर- मीरा देवी

Published on Jun 5, 2017