खबर लहरिया चित्रकूट उजियाला देखैं खातिर बांदा चित्रकूट मा तरसत

उजियाला देखैं खातिर बांदा चित्रकूट मा तरसत

jyada aate bijli bilउत्तर प्रदेश के बांदा बुंदेलखण्ड इलाका के बांदा अउर चित्रकूट जिला के जनता या समय बिजली के समस्या का लइके बहुतै परेशान है। एक कइत इं दूनौ जिलन मा हजारन गांव इनतान के हैं जउन सदियन से बिजली का उजियाला देखैं का तरसत हैं।
होई दूसर कइत जहां बिजली के सप्लाई होत है होंआ जनता कटौती से परेशान है। 24 घण्टा मा या समय 12 या 14 घण्टा भी सरकार बिजली नहीं देत आय। जब कि कनेक्शन उपभोक्तन से बिल के वसूली बराबर करत है। या तौ बांदा अउर चित्रकूट के शहर अउर कस्बन के समस्या आय। गांवन मा तार अउर खम्भा लगावैं के बाद भी बिजली विभाग सप्लाई देब भूल गा है।
बांदा अउर चित्रकूट जिले मा लगभग सैकड़न गांव इनतान के हैं। जहां के मड़ई बिजली के रोशनी देखैं का आज भी तरसत हैं। जइसे कि फतेहगंज क्षेत्र के गोबरी, गोडरामपुर, कुरूहूं अउर कालिंजर थाना क्षेत्र के छतैनी अउर शाहपाटन जइसे कइयौ गांवन मा तौ कनेक्शन तक निहाय।
देश के आजादी के पहिले से बसे इं गांवन मा लगभग 70 प्रतिषत दलित अउर आदिवासी बसे हैं। आखिर बिजली खातिर इं गांवन तक सरकार का ध्यान काहे नहीं जात आय? का इं गांवन के मड़इन से नेता मंत्री आपन सत्ता नहीं हांसिल करत या फेर उंई नेता मंत्री गरीब अउर दलित आदिवासी मड़ई का चुनाव के समय भर पहिचानत हैं अउर बड़े बडे़ वादा करत हैं।
अब सवाल या उठत है कि एक कइत सरकार बड़ी बड़ी फैक्ट्रिन मा रातौ दिन बराबर बिजली खर्च कइके कमाई करत है फैक्ट्रिन मा फिजूल बिजली जलत हवै। उनका काहे नहीं सरकार ज्यादा बिल भेजत हवै। दूसर कइत बुंदेलखण्ड के बांदा अउर चित्रकूट जिले मा मड़ई सदियन से अंधेरे मा डूबे गांवन के मड़ई उजियाला देखैं का तरसत है। उंई राह देखत हैं कि कबै बिजली लागी? सरकार भी गरीब अउर बेसहारा लोगन से ही हर टैक्स के वसूली कइ पावत है। बड़े नेता अउर सत्ताधारी लोगन के ऊपर सरकार रोआब काहे नहीं जतावत है। या बात खातिर सरकार का ध्यान कबै जई?