खबर लहरिया चित्रकूट ‘आत्मा की भूख है संगीत’ ऐसा मानना है बांदा के तानसेन रजत का

‘आत्मा की भूख है संगीत’ ऐसा मानना है बांदा के तानसेन रजत का

बांदा जिला के उभरत संगीत सितारा रजत दुबे संगीत का महारथी आय। वा कक्षा छह से संगीत सीखे लाग रहै, या समय वा बी.ए. के पहिले साल मा पढ़त है।
क्योटरा मुहल मा रहै वाले रजत दुबे का कहब है कि या समय मैं सूफियाना गाना गावत हौं। सूफियाना गाना गावें वाले तेज अउर धीम दूनौतान गाना गा सकत है। पुरान गाना मा मोहम्मद रफी के गाना गावत रहे हौं। भजन भी गावत हौं। सबसे पहिले मैं बांदा मा आपन शो करब शुरू करे रहे हौं, हम आपन डायमंड ग्रुप चलाइत है। पहली दरकी के शो मा मोहिका सांत्वना पुरुस्कार मिला रहै। स वहिके बाद मैं खूब मेहनत करे हौ तौ दुई दरकी पहिला पुरुस्कार मिला है। मैं लखनऊ, दिल्ली अउर प्रतापगढ़ के संगीत प्रतियोगिता मा भी भाग लीने हौं। गाना गावे से मोहिका सुकून मिलत है पै मैं पढ़ाई मा भी पूर ध्यान देत हौं। मोर सपना है कि मैं आईएएस बन के आपन नाम करौ।

रिपोर्टर- गीता देवी

Published on Jan 22, 2018