खबर लहरिया बुंदेलखंड आखिर कैसे गई महोबा जिले के बम्होरीखुर्द गाँव के किसान महिपत की जान

आखिर कैसे गई महोबा जिले के बम्होरीखुर्द गाँव के किसान महिपत की जान

जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव बम्हौरी खुर्द इते के किसान महिपत सेवा सरकारी समिति के बाबू हर रोज के जैसे सोलह मई को अपनी ड्यूटी पे गये ते लेकिन वापिस घरे लौट के नइ आय। सतरह मई को महिपत को अधमरो करके कोऊ ने दरवाजे पे डार दओ। सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान उनको मृत बता दओ।
कुलपहाड़ कोतवाल शशी कुमार पांडेय ने बताई के लाश को पोस्टमार्ट के लाने भेज दओ रिपोर्ट के बाद ही मौत को पतो चल हे तबइ आगे की कारवाही करी जेहे।
ऊषा महिपत की बहू ने बताई के पिताजी द्वारे में डरे ते हमने देखो तो हम घबरा गये रोन लगे के का हो गजो। मूढ़ में चोट लगी ती और नाक कान मे से खून आ रओ तो।
कृपाल पड़ोसी ने बताई के लिखाई पढ़ाई चल रई अबे तो महिपत को कोनऊ समय नइ हतो आबे को कबहु टाइम से आ जात ते तो कबहु देर से आत ते।
बसंती बहू ने बताई के हमे तो जो लग रई के कोऊ उनके संगे आओ और मार के डार गओ। आदमी धमकी भी देत ते हमाओ गल्ला तुलाओ नइ तो हम तुम्हे देख लेहे।
प्रधान ने बताई के जो तो अचानक घटना है अगर आदमी चिल्लत हे तो पकड़त हे।
गजोधर सचिव बैंक कॉपरेटिव ने बताई के महिपत ने दिन में दो बजे तक अनाज की तुलाई करवाई फिर ठेला लदवाये। जे ठेला जा रए ते महोबा तो हमने कई के तुम ठेला में बैठ के चले जाओ और अपने गांव में उतर जेहे फिर महिपत बोले हम जाए हमने कई जाओ। फिर सबेरे पांच बजे हमाय पास फ़ोन पहुचो के महिपत की मौत हो गयी रात होबे चाह दिन काम तो करने ही परत पूरो स्टाफ हतो।

रिपोर्टर- श्यामकली

19/05/2017 को प्रकाशित