खबर लहरिया ग्रामीण स्वास्थ्य फिर यूपी हुआ नंबर वन, इस बार कुपोषण में, देखिए महोबा की ये विडियो

फिर यूपी हुआ नंबर वन, इस बार कुपोषण में, देखिए महोबा की ये विडियो

जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव लाड़पुर कत हे के बच्चा देश को भविष्य होत और जब जेई कुपोषण के शिकार हो जेहे तो का करे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भारत में जीरो से पांच साल तक के पैतीस दिसमलब सात प्रतिशत बच्चा कुपोषित हे। बामे भी अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करे तो उत्तर प्रदेश नंबर एक पे हे। इते के छयालिस दिसमलब तीन प्रतिशत बच्चा कुपोषित हे।जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव लाड़पुर कत हे के बच्चा देश को भविष्य होत और जब जेई कुपोषण के शिकार हो जेहे तो का करे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भारत में जीरो से पांच साल तक के पैतीस दिसमलब सात प्रतिशत बच्चा कुपोषित हे। बामे भी अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करे तो उत्तर प्रदेश नंबर एक पे हे। इते के छयालिस दिसमलब तीन प्रतिशत बच्चा कुपोषित हे। सरकार ने जाए दूर करबे के लाने केऊ योजना बनाई। जैसे जननी सुरक्षा योजना, कुपोषण मिशन योजना, बच्चन के देखभाल और पोषण इलाज पुनर्वास केंद्र भी हे। लेकिन इनकी सही जानकारी और योजना को लाभ आदमियन को मित का। हेमा बच्चा की मताई बुखार आ जात और दस्त बोहतई ज्यादा करत। आंगनबाड़ी से कछू सुविधा नइ मिलत बस बिस्कुट दे देत कबहु कबहु। उर्मिला पड़ोसी ने बताई के आंगनबाड़ी से कछू सुविधा नइ मिलत कुपोषित बच्चन के लाने न देखबे आती। आशा देवी आशाकार्यकर्ता ने बताई के मताई बाप को भी अपने बच्चन पे ध्यान देने चाहिए। और उन्हें अच्छो पोष्टिक आहार देने चाहिए खाबे के लाने। जैसे दूध, दलिया, हरीसब्जी सब कछू। शीला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताई के अबे तो कछू नइ आ रओ बच्चन के लाने। सब उन्हें जानकारी और सलाह देत के बच्चा को अगर कुपोषित हे तो एन आर सी में भर्ती  कराओ। पुष्पा देवी सी डी पी ओ ने बताई के सबरी महिलाए इकठ्ठी होबे और आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फिर जानकारी देहे और बता हे के कोन बच्चा कुपोषित हे को नइया। डॉक्टर एस के वाष्णेय मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताई के जो शाशन कुपोषण के लाने कर रई बाकी हमे बोहताई ख़ुशी हे। और जो योजना जननी सुरक्षा और कुपोषण मिशन योजना हे बो बोहतई अच्छी हे। जिनने जाको स्थापित करो उनके अंडर में एक काम चल रओ मैगाकोन सेंटल जी में हम जो भी बी एच एन डी करत। तो ग्राम प्रधान एन एम् और आंगनबाड़ी से पूछो जात के बताओ तुमाय पास कितने कुपोषित बच्चा हे कितनी गर्भवती महिलाएं हे। फिर दूसरे दिन फिर पूछत के तुमने कितनो काम करो। जाके बाद बचबे की गुंजाइश न एन एम् को हे न आंगनबाड़ी को हे। और अब छह महिना बाद कुपोषण खत्म हो जेहे।

रिपोर्टर- श्यामकली

Published on Jul 31, 2017